नवरात्रि हाइकु

नव उत्साह 

आगत नवरात्र 

चैत्र पावन।1


नव प्रकाश

माता कृपा अपार

ज्योत निराली।2


चैत्र कुंवारे

नव रूप विराजे 

माता दुवारे।3


भक्ति अपार

कठिन है साधना

भाग्य संवार।4


देवी प्रताप

चढ़े दुर्गम नग

अपूर्व शांति।5


जोत जंवारा

संयमित जीवन 

आस्था विश्वास।6


सेउक गण

जगराता विशेष

माता प्रसाद।7


आबाल वृद्ध

आस्था में नवरूप 

सदा समृद्धि।8


देवी महिमा 

जस गीत गायन

कष्ट हरण।9


जंवारा गीत

आस्था चरम सुख 

भक्ति संगीत।10

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