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नवरात्रि हाइकु

नव उत्साह  आगत नवरात्र  चैत्र पावन।1 नव प्रकाश माता कृपा अपार ज्योत निराली।2 चैत्र कुंवारे नव रूप विराजे  माता दुवारे।3 भक्ति अपार कठिन है साधना भाग्य संवार।4 देवी प्रताप चढ़े दुर्गम नग अपूर्व शांति।5 जोत जंवारा संयमित जीवन  आस्था विश्वास।6 सेउक गण जगराता विशेष माता प्रसाद।7 आबाल वृद्ध आस्था में नवरूप  सदा समृद्धि।8 देवी महिमा  जस गीत गायन कष्ट हरण।9 जंवारा गीत आस्था चरम सुख  भक्ति संगीत।10

लघुकथा *देशभक्ति*

*देशभक्ति*  गांव में गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था। गांव के गणमान्य लोगों को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। प्रभात फेरी की तैयारी चल रही थी। बच्चों को पंक्तिबद्ध किया जा रहा था। तभी सरपंच महोदय का आगमन हुआ। उन्हें देखते ही सारे बच्चे देशभक्ति पूर्ण नारे लगाने लगे। सरपंच महोदय बच्चों को छोटे-छोटे तिरंगा झंडा बांटकर अपने देशभक्ति का प्रदर्शन करने लगे।  झंडा लेने के लिए सारे बच्चे उत्सुक थे। किसी उत्सुकता में हुए अपनी पंक्ति छोड़कर झंडा लेने के लिए टूट पड़े। थोड़ी देर में प्रायः सभी बच्चों के हाथों में तिरंगा झंडा लहरा रहा था। 'झंडा ऊंचा रहे हमारा' गीत गाते हुए और देशभक्ति नारे लगाते हुए बच्चे प्रभात फेरी के लिए निकल पड़े थे।  गांव के प्रमुख चौक-चौराहों पर बड़े मान-सम्मान के साथ तिरंगा झंडा फहराया जा रहा था। गांव के प्रमुख स्थलों पर ध्वजारोहण संपन्न कर प्रभात फेरी कार्यक्रम के मुख्य स्थल विद्यालय पहुंचे। जहां बच्चों के गीत, कविता, भाषण, नृत्य-नाटक आदि के माध्यम से देशभक्ति पूर्ण वातावरण निर्मित हो गया। मंचस्थ अतिथियों ने भी अपने भाषणों में स्वतंत्रता दिवस का महत्व बताया।

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